86 वर्षी भारती प्रोफेसर और कुरान का अनुवाद करने का सम्मान+ फोटो
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)दैनिक पाकिस्तान न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, 2001 में यासीन का प्रथम कुरान अनुवाद "द लास्ट मैसेज" शीर्षक से जारी किया गया था।
86 वर्षी यासीन, , इसी तरह अरबी-अंग्रेज़ी कुरानिक शब्दकोश के लेखक भी हैं, "कि कुरान की सबसे पहली व्यापक शब्दकोश," और प्रकाशन के मराहिल से गुज़र रही है
प्रोफेसर मोहम्मद यासीन का जन्म 1932 में भारत के जललाबाद में हुआ था। चार साल में उनके पिता, औरव 7 साल की उम्र में माता की मृत होगई और उनके चाचा ने बड़ा किया।
17 साल की उम्र में उनके चाचा की मौत उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन इन त्रासदियों और गरीबी ने उन्हें अपनी इच्छाओं को प्राप्त करने से नहीं रोका। वह मानसिक और आध्यात्मिक शिक्षा के क्षेत्र में भारत के इलाहाबाद, ईवईंग कॉलेज में शिक्षित हुए, और उन्होंने बहुत सी पुस्तकों का अध्ययन करके महान विज्ञान प्राप्त किया और उर्दू, अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में स्पेस्लिट बने।
उन्होंने अरबी भी सीखा और 1960 में कुरान का अनुवाद करना शुरू कर दिया, लेकिन समस्याओं के कारण 1990 के दशक में अनुवाद कार्य को पूरा करने में सक्षम हुऐ।
यासीन इसी तरह मोतियाबिंद से पीड़ित थे, लेकिन यह बीमारी ने उन्हें अपनी इच्छा कि कुरान का आज की अंग्रेजी में अनुवाद था पूरी करने से नहीं रोक सकी।
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